एथिकल हैकिंग क्या है (जानिए पूरी जानकारी 2024 में)

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि आप एथिकल हैकिंग कैसे बन सकते हो और एथिकल हैकिंग क्या होती है मैंने इसमें डिटेल बाय डिटेल बताया है तो इस आर्टिकल को आपको बहुत ध्यान से पढ़ना है ताकि कोई भी पॉइंट आपको मिस ना हो और आप एथिकल हैकिंग में अपना करियर बना सके तो चलिए शुरू करते हैं.

एथिकल हैकिंग क्या है

एथिकल हैकिंग एक प्रकार की हैकिंग है जिसका उपयोग किसी संगठन या व्यक्ति की सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों को पहचानने और उन्हें ठीक करने के लिए किया जाता है। एथिकल हैकर, जिन्हें “व्हाइट हैट हैकर” भी कहा जाता है, को संगठन से अनुमति के साथ और कानूनी तरीके से काम करने की आवश्यकता होती है।

जिस तरह से साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं हर बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन ओर गवर्नमेंट एजेंसी को एथिकल हैकर्स की जरूरत पड़ने लगी है और बहुत सी ऑर्गेनाइजेशंस को यह भी समझ में आ गया है कि अपने सिस्टम और अपने डेटा को प्रोटेक्ट करने के लिए उन्हें एथिकल हैकर की जरूरत होगी ही और वैसे भी साइबर अटैक्स का कोई फिक्स पैटर्न और टाइट नहीं होता है.

एथिकल हैकिंग क्या है (जानिए पूरी जानकारी 2024 में)

जिसे आसानी से पहचाना जा सके बल्कि इसके तो कई सारे टाइप्स होते हैं जैसे मालवेयर फिशिंग एसक्यूएल इंजेक्शन अटैक्स क्रॉस साइट स्क्रिप्टिंग और बोर्ड टेक्स्ट तो ऐसे में सिचुएशन काफी टॉप हो जाती है और यह तो आपको भी पता ही होगा कि कोई भी सिस्टम प्रोसेस वेबसाइट और डिवाइसेज हक की जा सकती है इसीलिए प्रैक्टिकल हैकर्स की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है ऐसे में अगर आप भी इस तरह की स्किल में इंटरेस्ट रखते हैं.

एथिकल हैकिंग में अपना करियर बनाएं

एथिकल हैकिंग में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो एथिकल हैकर की पोजीशन आपके लिए परफेक्ट रहेगी और उसे पोजीशन तक पहुंचाने का रास्ता और प्रक्रिया तो हम आपको इस वीडियो में बात ही देंगे इसलिए वीडियो को लास्ट तक जरूर देखिएगा तो चलिए वीडियो शुरू करते हैं और सबसे पहले एथिकल हैकिंग के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं.

एथिकल हैकिंग इनफॉरमेशन सिक्योरिटी की एक प्रो एक्टिव फॉर्म है इसे पेनिट्रेशन टेस्टिंग भी कहा जाता है बिज़नेस और ऑर्गेनाइजेशन सब दे नेटवर्क्स एप्लीकेशंस और आदर कंप्यूटर सिस्टम को इंप्रूव करने के लिए एथिकल हैकर्स को हायर करते हैं ताकि उनका डाटा चोरी ना हो सके और ना ही उनके साथ कोई फ्रॉड हो एथिकल हैकिंग साइबर टेररिज्म से फाइट करती है.और हैकर्स के अगेंस्ट प्रीवेंटिव एक्शन लेने में हेल्प करती है.

एथिकल हैकिंग का मतलब होता है कंप्यूटर या सिस्टमको परमिशन लेकर हैक करना ऐसा करके कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद वूलनेरेबिलिटीज का पता लगाया जाता है और इसके लिए सॉफ्टवेयर कंपनी ऐसे एक्सपोर्ट एथिकल हैकर्स को हायर करते हैं जो उनके सिस्टम या सर्विस को हैक करते हैं और उसमें मौजूद वूलनेरेबिलिटीज और वीक एंड पॉइंट्स का पता लगते हैं ताकि उन्हें फिक्स किया जा सके ऐसा करने के पीछे सॉफ्टवेयर कंपनी का परपज अपने सिस्टम और इनफॉरमेशन को अनइथिकल हैकर से प्रोटेक्ट करना होता है. और अपने सिस्टम को इतना स्ट्रांग बना लेना होता है.

ताकि ब्लैकहेड हैकर सिस्टम को हक ही ना कर पाए सबसे पहले हैकिंग शब्द 1960 आने के 1960 के दौर में सामने आया था जब मैसेज इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में मशीनरी कुछ ज्यादा बैटर तरीके से ऑपरेट करने के लिए हैक किया गया और उसे जमाने में हैकइंग को उन लोगों के लिए कंप्लीमेंट समझ गया जो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में एक्सेप्शनल स्किल रखते थे लेकिन टाइम के साथ इस तकनीक का उसे अनइथिकल वर्क में बढ़ने लग गया जिसकी वजह से यह शब्द ही नेगेटिव साउंड करने लग गया है और वैसे भी एथिकल हैकिंग टर्म फेमस तब होने लगी.

जब 1970s यानी की 1970 में उस गवर्नमेंट ने अपने कंप्यूटर सिस्टम को हैक करवाने के लिए रेड टीम्स का उसे किया तो चलिए इसी के साथ अब आगे बढ़ते हैं और एथिकल हैकिंग के कई सारे टाइप्स होते हैं जो है वेब एप्लीकेशन हैकिंग सिस्टम हैकिंग वेब सर्वर हैकिंग हैकिंग वॉयरलैस नेटवर्क्स और सोशल इंजीनियरिंग और एथिकल हैकिंग एक प्रक्रिया में पूरी होती है जिसमें यह सारे सिक्स स्टेप्स आते हैं जिसमें पहले है दूसरास्कैनिंग तीसरा है गेनिंग एक्सेस 14 है मेंटेंनिंग एक्सेस नंबर पांच पर है क्लीयरिंग ट्रैक्स और नंबर 6 पर हेड रिपोर्टिंग तो एथिकल हैकिंग के दौरान भी कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी होता है जैसे हैकिंग से पहले प्रॉपर अप्रूवल लिया जाए.

एथिकल हैकिंग के दौरान आर्गेनाइजेशन को सभी वूलनेरेबिलिटीज की रिपोर्ट दी जाए और उसमें उन कमियों को दूर करने की एडवाइस भी शामिल हो इसके साथ-साथ डाटा सेंसिटिविटी के रिस्पेक्ट करना भी एथिकल हैकिंग में बेहद जरूरी होता है एथिकल हैकिंग के बारे में इतना कुछ जान लेने के बाद लिए अब आगे बढ़ते हैं और हैकर्स के बारे में जानते हैं हैकर्स के मेजर थ्री टाइप्स होते हैं ब्लैक हेड हैकर ग्रे हेड हैकर और वाइट हेड हैकर इन के बारे में हम वन बाय वन डिटेल में जानते हैंनंबर एक पर है ब्लैक हेड हैकर यह ऐसा परसों है जो गलत इरादे सेकिसी अनऑथराइज्ड तरीके से एंट्री ले लेता है और सिस्टम सिक्योरिटी को डैमेज करता है.

ऐसा करने के पीछे उसका परपज अक्सर पासवर्ड्स फाइनेंशियल इनफॉरमेशन और आदर पर्सनल डाटा चुराना होता है दूसरे नंबर पर है ग्रे हेड हैकर ग्रे हैट हैकर्स भी ब्लैकहेड्स की तरह ही सिस्टम को हैक करते हैं लेकिन उनका कोई गलत इरादा नहीं होता वह सिस्टम को हैक करके सारे लूप होल्स और वूलनेरेबिलिटीज के बारे में इंटेलिजेंस एजेंसीज और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज को बताते हैं उनका काम अक्सर कंप्यूटर सिस्टम को हैक करके उसमें मौजूद कर्मियों का पता लगाना और उसके बारे में एडमिनिस्ट्रेटर को इन्फॉर्म करना होता है.

एथिकल हैकिंग क्या है (जानिए पूरी जानकारी 2024 में)

ताकि उन्हें तुरंत दूर किया जा सके और इन कर्मियों का फायदा उठाकर ब्लैक हट हैकर सिस्टम में से ना लगा सकेइकोनॉमिकल लेकर ग्रे हैट हैकर्स डिफेक्ट को भी ठीक कर सकते हैं और अब बात करते हैं नंबर तीन पर वाइट हेड हैकर्स की यह ऑर्गेनाइजेशंस के साथ वर्क करके उनके सिस्टम की सिक्योरिटी को स्ट्रांग बनाए रखते हैं अन्य हैकर्स को एथिकल हैकर्स कहा जाता है तो लिए उनके बारे में डिटेल में जानते हैं.

एथिकल हैकिंग को अंजाम देने वाले पोर्शन को एथिकल हैकर कहते हैं जो परमिशन लेकर सिस्टम को हैक करता है और उसका कोई गलत इरादा भी नहीं होता है एथिकल हैकर्स ऑर्गेनाइजेशंस बिज़नेस मिलिट्री और गवर्नमेंट के साथ वर्क करते हैं और उनके नेटवर्क के सिक्योरिटी में मौजूद विक प्वाइंट्स और वैलिडेट एबिलिटीज का पता लगते हैं यह एथिकल हैकिंग टूल्स टेक्निक्स और मेथाडोलॉजिस में स्पेशलाइज्ड होते हैं.

 ताकि किसी आर्गेनाइजेशन के इनफॉरमेशनसिस्टम को सीकर रखा जा सके उनकी मदद से ऐसा सिस्टम तैयार किया जाता है जिसमें हैकर्स सेंड नहीं लगा सकते उनकी हेल्प लेकर कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क में मौजूद ओपन होल्स का पता लगाया जाता है और उन्हें क्लोज किया जाता है इनका काम कंपनी के सिक्योरिटी सिस्टम में मौजूद हर वाले रिबिलिटी को डिस्क्लोज करना होता है ताकि उसे तुरंत फिक्स किया जा सके और ब्लैकहेड हैकर्स उन पर अटैक ना कर सके जैसे की फेसबुक माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनी के पास अपने व्हाइट हेड हैकर्स होते हैं.

वैसे एथिकल हैकर के पास इन सारे सवालों के जवाब होते हैं जैसे कि एक अटैकर सिस्टम की कौन सी वूलनेरेबिलिटीज यानी कमजोरी को देखा है हैकर किस तरह के इनफार्मेशन तक सबसे जल्दी पहुंचना चाहते हैं एक हैकर उसे इनफॉरमेशन केसाथ क्या करता हैऔर कमजोरी आने के विक प्वाइंट्स को फिक्स करने का बेस्ट तरीका क्या है एथिकल हैकर अक्सर जिन मोस्ट कॉमन वूलनेरेबिलिटीज को डिस्कवर करते हैं वह है इंजेक्शन अटैक्स सेंसेटिव डाटा एक्स्पोज़र ब्रोकन ऑथेंटिकेशन सिक्योरिटी मिस कंफीग्रेशन उसे का कॉम्पोनेंट्स विद नॉन वूलनेरेबिलिटीज तो एथिकल हैकर के बारे में यह सब जान लेने के बाद अब अगर आप एथिकल हैकर बनना चाहते हैं.

सबसे पहले यह जान लीजिए कि इसके लिए आपको प्रॉपर एजुकेशन और नॉलेज की जरूरत होगी इसलिए बिना सही गाइडेंस और अप्रूवल के बस ट्राई करने के लिए हैकिंग को बिल्कुल ने पाए क्योंकि बिना परमिशन के किसी सिस्टम को हैक करना इल्लीगल होता है और अनइथिकल हैकिंग और ऐसे ही साइबर क्राइम के लिए गिल्टी पाए जाने वाले पर्सन को कई सालों की सजा का प्रोविजन भी होता है इसलिए एथिकल हैकरबनने के प्रक्रिया को पूरा फॉलो करें और फिर एथिकल हैकर के तौर पर आप कम करें और एथिकल हैकर बनने के प्रक्रिया पर सबसे पहले क्राइटेरिया जान लेना बेहतर होगा इसके आपके पास इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी या कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री होनी जरूरी है.

जो बीएससी बीटेक बीसीएमएस से कोई भी डिग्री हो सकती है ऐसे कैंडिडेट जिन्होंने नेटवर्क सिक्योरिटी और उसे रेलीवेंट टेक्नोलॉजी में एडवांस्ड डिप्लोमा कर रखा हो वह भी एथिकल हैकिंग को प्रोफेशनल करियर बना सकते हैं और अगर आप आईटी सेक्टर की बिग कंपनी में एथिकल हैकर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास रिप्यूट इंस्टिट्यूट का सर्टिफिकेशन होना चाहिए ताकि वहां तक पहुंचाने की आपके चांसेस बढ़ सके.

एथिकल हैकिंग का मतलब क्या है?

एथिकल हैकिंग का मतलब है वह क्रिया जिसमें व्यक्ति या समूह नेटवर्क और सॉफ़्टवेयर सुरक्षा की जांच करने के लिए अनुमति प्राप्त करता है, लेकिन इसका उद्देश्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकना है, न कि हानि पहुंचाना। इसका लक्ष्य सुरक्षा में सुधार करना और सुरक्षा कमीजों को पहचानना होता है।

कैसे काम करता है एथिकल हैकर?

एथिकल हैकिंग एक तरह का सुरक्षा निरीक्षक होता है जो सुरक्षा कमीजों को पहचानता है और उन्हें सुधारने का कारण बताता है। उन्हें एक विशेषज्ञ के रूप में देखा जा सकता है जो विभिन्न तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल करता है। इन्हें नेटवर्कों में कमीजों की खोज करने और उन्हें दूर करने के लिए अनुमति होती है। इसके लिए, वे विभिन्न साइबर सुरक्षा तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं और सुरक्षा में सुधार करने के उपायों को ढूंढ़ने में मदद करते हैं.

एथिकल हैकिंग के कई फायदे हैं

सुरक्षा में सुधार

एथिकल हैकर्स नेटवर्क और सॉफ़्टवेयर में सुरक्षा कमीजों को पहचानकर उन्हें सुधारने का कारण बताते हैं, जिससे सुरक्षा में मजबूती होती है।

नए तकनीकी तरीकों का अनुसंधान

एथिकल हैकिंग नए और सुरक्षित तकनीकी तरीकों का अनुसंधान करके सुरक्षा को बढ़ावा देती है और नए हमलों के खिलाफ सामर्थ्य बनाए रखती है।

आम जनता की जागरूकता

एथिकल हैकिंग से आम लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सकता है और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए सठिक तरीकों का आदान-प्रदान सिखाया जा सकता है।

एथिकल हैकिंग के इन फायदों के कारण हम सुनिश्चित हो सकते हैं कि ऑनलाइन जगत में हमारी जानकारी सुरक्षित रहती है और हम आगे बढ़ सकते हैं बिना किसी सुरक्षा कमी का सामना करने की चुनौती के बिना।

Conlustion

इस लेख के माध्यम से हमने एथिकल हैकिंग के विशेष दुनिया में एक सफल सफर किया है। हमने यह देखा कि एथिकल हैकिंग न केवल सुरक्षा में सुधार करने का एक उपयुक्त तरीका है, बल्कि यह आम लोगों को भी सुरक्षित रखने के लिए उनका सही मार्गदर्शन करता है। एथिकल हैकर्स का योगदान हमारी डिजिटल सुरक्षा में महत्वपूर्ण है, और उनकी सहायता से हम एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर डिजिटल युग में आगे बढ़ सकते हैं। एथिकल हैकिंग ने हमें यह सिखाया है कि सुरक्षा में सुधार करने के लिए विशेषज्ञता और उत्साह की कमी नहीं होनी चाहिए।

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